लफ्जों के परिंदे



कागज़ की धज्जियों पे
खूबसूरत हर्फों में
लिखता हूँ कुछ बेमानी लफ़्ज़
ख़्वाब ....... सुकून...... इश्क़.....
और भी बहुत कुछ
और फिर उड़ा देता हूँ ।

जैसे कोई आज़ाद कर दे
कफ़स से
लफ्जों के बेचैन परिंदे ।

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